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IMD ने इस मानसून में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना जताई है

IMD ने इस मानसून में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना जताई है

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस वर्ष के मानसून सीजन का आँकलन जारी किया है। मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा वर्षा होगी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मानसून सीजन 2024 को लेकर अपना अनुमान जारी किया है। आईएमडी ने भविष्यवाणी की है, कि इस बार मानसून सीजन में सामान्य से ज्यादा बरसात होगी। 

IMD ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी साझा की है। आईएमडी का कहना है, कि मॉनसून की बारिश सामान्य से ज्यादा रहने का अनुमान है। यह अनुमान 104% प्रतिशत तक जताया गया है।

अल-नीनो की स्थिति कैसे रहेगी और इसका प्रभाव कैसे कम होगा ?

आईएमडी का कहना है, कि इस वर्ष अल-नीनो की स्थिति मध्यम रहेगी। अल-नीनो धीरे-धीरे कमजोर होगा और मॉनसून की शुरुआत तक न्यूट्रल हो जाएगा। 

मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून की शुरुआत से ला-नीना सक्रिय हो जाएगा, जो कि अल-नीनो के विपरीत प्रभाव दिखाता है।

मौसम विभाग के कहने के अनुसार अल-नीनो के प्रभाव को रोकने में इंडियन डायपोल ओशन (आईओडी) पूरी तरह सक्रिय रहेगा। 

सरल शब्दों में कहें तो, पश्चिमी हिंदी महासागर का पूर्वी हिंद महासागर की तुलना में बारी-बारी से गर्म व ठंडा होना ही हिंद महासागर द्विध्रुव यानी (आईओडी) कहलाता है। इससे अच्छी खासी मात्रा में वर्षा देखने को मिलेगी। 

भारत के कुछ पूर्वी एवं अन्य इलाकों को छोड़कर, इस बार बारिश सामान्य से ज्यादा होने की संभावना है। जानकारी के लिए बतादें, कि शानदार बरसात के लिए आईओडी का पॉजिटिव होना आवश्यक माना जा रहा है। 

ये भी देखें: आखिर क्या होता है अल-नीनो जो लोगों की जेब ढ़ीली करने के साथ अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करता है

मौसम विभाग ने अग्रिम तौर पर कहा है, कि दक्षिण-पश्चिम के प्रदूषकों के बढ़ने पर आईओडी सक्रिय होगा और इससे बारिश बढ़ेगी।

आईएमडी के अनुसार कितनी बरसात होनी है ?

आईएमडी के अनुसार, इस वर्ष 104 प्रतिशत तक बारिश होने का अनुमान है, जो कि सामान्य से ज्यादा है। आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि अगर मानसून में बारिश 90% प्रतिशत से कम हो तो इसे कम बारिश ही माना जाता है। 

इसी प्रकार 90 से 96% प्रतिशत बारिश सामान्य से कम, 96 से 104 प्रतिशत बारिश को सामान्य, 104 से 110 प्रतिशत बारिश को सामान्य से ज्यादा और 110 से अधिक मॉनसूनी बारिश में दर्ज किया जाता है। 

ये भी देखें: मानसून की धीमी रफ्तार और अलनीनो बढ़ा रहा किसानों की समस्या

मौसम विभाग का कहना है, कि केवल उत्तर-पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ इलाकों को छोड़ दें तो सब जगह सामान्य से अधिक वर्षा होगी।

सितंबर के महीने में सबसे ज्यादा वर्षा होने की भविष्यवाणी   

मौसम विभाग के अनुसार, मॉनसून के मौसम जून से सितंबर के मध्य 106% प्रतिशत वर्षा हो सकती है। यह सामान्य से काफी अधिक है। महीने के अनुरूप इस साल मॉनसून के पहले माह जून में लगभग 95% प्रतिशत वर्षा दर्ज होगी। 

वहीं, जुलाई के महीने में 105% प्रतिशत बारिश होगी। इसके बाद अगस्त में थोड़ी कम 98% प्रतिशत वर्षा होगी। इसके उपरांत सबसे ज्यादा वर्षा की उम्मीद सितंबर माह में 110% प्रतिशत तक है। 

जानें कैसा रहेगा इस जनपद का मौसम और कुछ महत्वपूर्ण सलाहें

जानें कैसा रहेगा इस जनपद का मौसम और कुछ महत्वपूर्ण सलाहें

कृषि विज्ञान केंद्र के अनुसार मध्य प्रदेश राज्य के जनपद ग्वालियर में संभावित मौसम पूर्वानुमान में आगामी पांच दिनों में साफ से घने बादल रहने वर्षा नहीं होने का अनुमान है l अधिकतम तापमान 25.7 से 26.6 व् न्यूनतम तापमान 8.1 से 8.5 डि.से. रहने तथा अधिकतम आर्द्रता 67 से 76 व न्यूनतम आर्द्रता 28 से 31 प्रतिशत रहने और हवा लगभग 3.7 से 9.4 किमी /घंटा की औषतगति से मुख्यतः पश्चिम उत्तर व पूर्व-उत्तर दिशा से बहने का अनुमान है I संभावित मौसम पूर्वानुमान को देखते हुए सब्जियों व नव रोपित फल व्रछों में निराई गुड़ाई करें व आवश्कतानुसार सिंचाई करें I

फसल संबंधित सलाह

गेंहू की बुवाई हेतु संभावित मौसम अनुकूल है, अत: गेंहू की उन्नत किस्में जैसे- पूसा तेजस, पूसा उजाला.,ऍम.पी.3382, ऍम.पी. 1203 व आरवीडब्ल्यू 4106 आदि का चयन एवं बीजोपचार कर बुबाई करें व संतुलित मात्रा में उर्वरक डालें I

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जौ

जौ की बुवाई हेतु उचित तापमान है, अत: उन्नतशील प्रजातियों जैसे- डी.डब्ल्यू.आर.वी.-52,डी.डब्ल्यू.आर.वी.-92, डी.डब्ल्यू.आर.वी.-73, डी.डब्ल्यू.आर.वी.-64, नरेन्द्र जौ-1, नरेन्द्र जौ-2 व नरेन्द्र जौ-3 आदि का चयन कर बीजोपचार कर बुवाई करें I

सरसों

1. देरी से बोई गई सरसों की फसल में इस समय रस चूसक चितकबरे कीट की संभावना हो सकती है। अत: इसके नियंत्रण हेतु क्लोरोपायरीफास या डायमिथोएट 800 मिली दवा 400 से 500 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करेंI 2. सरसों की फसल जो की 35 से 40 दिन की अवस्था में उसमें प्रथम सिंचाई करें व उसके बाद नत्रजन की मात्रा को दें I

आलू

इस समय आलू की फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें व आलू की फसल में पत्तियों पर सतत निगरानी रखें I यदि पत्तियों पर गोल आकार के भूरे धब्बे दिखाई दें तो वह अगेती झुलसा रोग हो सकता है I अत: झुलसा रोग दिखाई देने पर इसके नियंत्रण हेतु मेन्कोजेब 1.5 किग्रा. दवा 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिडकाव करें I

बागवानी संबंधित आवश्यक जानकारी व सलाह

अमरुद

संभावित मौसम में नवरोपित आम, अमरुद, नीबू आदि पोधों के थालों की निराई गुड़ाई कर आवश्यकतानुसार सिंचाई करें I

प्याज

प्याज की रोपाई हेतु इस समय बीज सैया की तैयारी कर नर्सरी में प्याज की पोध डालें I

मिर्च और टमाटर

मिर्च और टमाटर में इस समय लीफकर्ल (चुर्रामुर्रा रोग) की संभावना हो सकती है। अतः दिखाई देने पर इसके नियंत्रण हेतु थायोमिथाक्जाम 25 डी.जी. 100 ग्राम दवा 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर प्रति हेक्टेयर छिडकाव करें l

बैंगन

बैगन में तना छेदक व फल छेदक कीट की संभावना हो सकती है। दिखाई देने पर इसके नियंत्रण हेतु ग्रसित फलों को तोड़ कर नष्ट करें व स्पाइनोसैड 48 ईसी कीटनाशक दवा 1 मिली / 4 लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करें I

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पशु संबंधित सलाह

संभावित मौसम पूर्वानुमान में तापमान की गिरावट को देखते हुए पशुओं को दिन के समय धूप में रखें व रात्रि में ठण्ड से बचावें। साथ ही, दुधारू पशुओं को संतुलित आहार दें I इस समय अधिकतर पशुओं के ब्याने का समय है, अत: पशुओं के ब्याने के बाद एक घंटे के भीतर पैदा होने वाले शिशु को पर्याप्त मात्रा में (नवजात शिशु के शरीर भर का 1/10 भाग) खीस पिलावें I
सावधान: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में ऐसा मौसम रहने वाला है

सावधान: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में ऐसा मौसम रहने वाला है

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग से प्राप्त मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, आने वाले दिनों में हल्के से मध्यम बादल छाए रहने के कारण हल्की बारिश की संभावना है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान 22.8-25.1 और 8.0-11.8 डिग्री सेल्सियस के बीच है। सापेक्ष आर्द्रता अधिकतम और न्यूनतम सीमा 70-95 और 40-70% के बीच है। हवाओं की दिशा पूर्व, दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम और हवाओं की गति 6.3-11.9 किमी प्रति घंटा रहने की संभावना है। वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है, कि वे गेहू, सरसों, सों चना, मटर आदि फसलों में सिंचाई का कार्य स्थगित कर दें। कीटनाशी, रोगनाशी एवं खरपतवार नाशी रसायनों के लिए अलग-अलग अथवा उपकरणों को साफ पानी से धोकर ही प्रयोग करें। कीटनाशी, रोगनाशी एवं खरपतवार नाशी रसायनों का छिड़काव हवा के विपरीत दिशा में खड़े होकर छिड़काव या बुरकाव न करें। छिड़काव यथा सम्भव हो तो सायंकाल के समय करें, छिड़काव के बाद खाने-पिने से पूर्व हाथों को साबुन या हैंडवाश से अच्छी तरह से धो लेना चाहिए तथा कपड़ो को धोकर नहा लेना चाहिए।

फसल व बागवानी से जुड़ी जानकारी

  1. गेंहू

वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है, कि वे गेहू की फसलों में सिंचाई का कार्य स्थगित कर दें। बिलम्ब से बोई गई गेहूं की फसल में यदि सकरी व चौड़ी पत्ती वाले, दोनों प्रकार के खरपतवार दिखाई दें। तो इसके नियंत्रण हेतु सल्फोसल्फुरान 75% डब्लू पी ३३ ग्राम/हेक्टेयर या मैट्री ब्यूजिन 70 %डब्लू पी 250 ग्राम / हेक्टेयर की दर से 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें।
ये भी देखें: गेहूं की फसल में खरपतवार नियंत्रण
  1. सरसों

वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है, कि वे सरसों की फसल में सिंचाई का कार्य स्थगित कर दे। आसमान में लगातार बादल छाए रहने के कारण सरसों की फसल में माँहू, चित्रित वग एवं पत्ती सुरंगक कीट का प्रकोप दिखाई देने की संभावना है। अतः इसके रोकथाम हेतु क्लोरपायरीफास 20 % ईसी 1.0 लीटर/हेक्टेयर या मोनोक्रोटोफॉस 36 % एस.एल. की 500 मिली० /हेक्टेयर की दर से 500 से 600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें।
  1. चना

समय से बोई गई चने की फसल में खुटाई का कार्य रोक दें। वर्षा की संभावना को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है, कि वे चने की फसल में सिंचाई का कार्य स्थगित कर दें। कटुआ (कटवर्म) कीट का प्रकोप दिखाई देने की संभावना है। इसके रोकथाम हेतु क्लोरपाइरीफोस 50% ईसी + साइपरमेथ्रिन 5% ईसी 2.0 लीटर/हेक्टेयर की दर से 500-600 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें।
  1. आलू

वातावरण में नमी बढ़ने/बादल छाये रहने और तापक्रम गिरने से आलू की फसल में झुलसा रोग का प्रकोप तेजी से फैलता है। अतः इसके रोकथाम हेतु मैंको मैं जेब या रिडोमिल २.५ ग्राम/लीटर पानी अथवा कॉपर आक्सीक्लोराइड ३.० ग्राम/लीटर पानी का में घोल बनाकर १२-१५ दिन के अन्तराल पर छिड़काव आसमान साफ होने पर करें। आलू की फसल में सिचाई का कार्य स्थगित कर दें ।

पशु संबंधित सलाह

वर्तमान मौसम को देखते हुए किसानों को सलाह दी जाती है, कि वे पशुओं को ठंड से बचाने के लिए सुबह-शाम पशुओं के ऊपर झूल डालें। जानवरों को रात के दौरान खुले में न बांधें और रात में खिड़कियों और दरवाजों पर जूट के बोरे के पर्दे लगाएं और दिन के दौरान धूप में पर्दे हटा दें। पशुओं को हरे और सूखे चारे के साथ पर्याप्त मात्रा में अनाज दें। पशुओ को साफ एवं ताजा पानी दिन में ३-४ बार अवश्य पिलायें। पशुओं को साफ-सुथरे स्थान पर रखें।
होली के समय ऐसा रहने वाला है मौसम

होली के समय ऐसा रहने वाला है मौसम

भारत में आजकल निरंतर मौसमिक परिवर्तन की स्थिति देखी जा रही है। जहां गुजरे दिनों फरवरी के माह में ही गर्मी ने अपना कहर मचाना आरंभ कर दिया था। साथ ही, मार्च के पूर्व सप्ताह में मौसम की स्थिति थोड़ी नाजुक है। देशभर में मौसम ने एक बार पुनः अपना रंग परिवर्तित किया है। मार्च माह की शुरुआत ही दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश में धीमी बारिश एवं बूंदाबांदी  हुई, जिसके उपरांत मौसम काफी अच्छा हो गया है। जहां फरवरी माह से ही गर्मी ने खुद का भयंकर रूप प्रदर्शित करना आरंभ कर दिया था। तब वही फिलहाल मार्च माह में मौसम अच्छा बना हुआ है। मार्च के प्रारंभिक दिनों में सुबह एवं शाम के समय मौसम में हल्की सर्दी बनी हुई है। जिसकी वजह से बढ़ता तापमान दिक्कत नहीं कर रहा है। हालांकि, दिन गुजरने के साथ ही कड़ी धूप में बाहर जाना लोगों के लिए चुनौती सा हो रहा है।

होली पर मौसम कैसा रहने वाला है

इस माह होली का पर्व है। होली में फिलहाल एक सप्ताह से भी कम वक्त शेष है। ऐसी परिस्थिति में इसी कड़ी में सवाल है, कि आखिरकार होली के वक्त मौसम कैसा रहेगा। क्या होली के दिन बरसात होगी अथवा फिर गर्मी से लोग तपेंगे ? मौसम विभाग के अनुसार इस मार्च माह के चालू होते ही भारत के विभिन्न राज्यों में
गर्मी का अलर्ट जारी कर दिया है। होली तक प्रचंड गर्मी से लोगों को राहत मिलती रहेगी। परंतु, होली के तुरंत उपरांत मौसम में गर्मी बढ़ जायेगी। साथ ही, न्यूनतम एवं अधिकतम तापमान में इजाफा देखने को मिलेगा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, ताजा पश्चिमी विक्षोभ 4 मार्च तक पश्चिमी हिमालय तक पहुंचने की संभावना है, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में धीमी बरसात पाई जाएगी।

इन राज्यों में बारिश व बर्फबारी की आशंका है

वेदर एजेंसी स्काईमेट वेदर के हिसाब से आने वाले 24 घंटों के दौरान हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड एवं जम्मू कश्मीर के बहुत से इलाकों में हल्की से मध्यम बरसात की आशंका है। इसके साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में बर्फबारी के साथ-साथ एक या दो जगहों पर प्रचंड वर्षा देखने को मिल सकती है। ये भी पढ़ें: सावधान: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में ऐसा मौसम रहने वाला है

आज मौसम कैसा रहने वाला है

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज दिन के वक्त गगन में आंशिक तौर से बादल छाए रहने एवं बेहद हल्की वर्षा अथवा बूंदाबांदी होने की आशंका जताई गई है। आज उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं पंजाब के उत्तरी इलाकों में एक-दो जगहों पर गरज सहित बौछारें पड़ने का अनुमान व्यक्त किया गया हैं। इसके साथ ही आगामी 48 घंटों के चलते उत्तर पश्चिमी भारत में न्यूनतम तापमान के अंदर 2 से 3 डिग्री की गिरावट देखी जा सकती है।
मौसम विभाग: यूपी में आने वाले दिनों में होगी हल्की बारिश

मौसम विभाग: यूपी में आने वाले दिनों में होगी हल्की बारिश

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि जून महीने का आरंभ हो चुका है। दिल्ली NCR समेत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में मौसम में राहत बनी हुई है। उत्तर प्रदेश के बहुत सारे जिलों में बारिश-बूंदाबांदी की वजह से लोगों को गर्मी से राहत मिली है। इसी कड़ी में अगले सप्ताह के मौसम को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। रविवार से उत्तर प्रदेश के मौसम में पुनः परिवर्तन देखने को मिलेगा। उत्तर प्रदेश में आगामी 4-5 दिनों तक बादल होने के साथ पूर्वांचल एवं बुंदेलखंड के बहुत सारे भागों में बूंदाबांदी होने की संभावना है। यह भी पढ़ें : मौसम विभाग के अनुसार इस बार पर्याप्त मात्रा में होगी बारिश, धान की खेती का बढ़ा रकबा

मौसम विभाग ने क्या कहा है

मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नरेश कुमार ने कहा है, कि, ‘ईरान पर पश्चिमी विक्षोभ की वजह आगामी 4-5 दिनों में पश्चिमी हिमालयी इलाकों में बारिश की संभावना है। गले दो दिनों में यूपी एवं दिल्ली एनसीआर में वर्षा होने की आशा है। इसके उपरांत तापमान बढ़ने की संभावना है।’ विगत कुछ दिनों में देखा गया है, कि उत्तर प्रदेश का मौसम परिवर्तित हो रहा है। कुछ जनपदों में वर्षा हो रही है, तो कुछ जनपदों में भीषण गर्मी पड़ रही है। परंतु, कल से ही जनता को गर्मी से राहत मिलने की आशा है।

फिर से गर्मी बढ़ने की संभावना हुई तेज

साथ ही, मौसस में हो रहे परिवर्तन के मध्य यह भी संभावना जताई गई है, कि 15 जून के पश्चात एक बार फिर गर्मी अपना प्रकोप दिखाएगी। 15 जून तक राज्य में भीषण गर्मी पड़ने की संभावना है। राज्य के विभिन्न जनपदों में 3 दिन तक गर्म हवाओं की चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक ही रहेगा।
मानसून की धीमी रफ्तार और अलनीनो बढ़ा रहा किसानों की समस्या

मानसून की धीमी रफ्तार और अलनीनो बढ़ा रहा किसानों की समस्या

आपकी जानकरी के लिए बतादें, कि विगत 8 जून को केरल में मानसून ने दस्तक दी थी। इसके उपरांत मानसून काफी धीमी गति से चल रही है। समस्त राज्यों में मानसून विलंभ से पहुंच रहा है। केरल में मानसून के आने के पश्चात भी फिलहाल बारिश औसत से कम हो रही है। साथ ही, मानसून काफी धीरे-धीरे अन्य राज्यों की ओर बढ़ रही है। पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा समेत बहुत से राज्यों में लोग बारिश के लिए तरस रहे हैं। हालांकि, बिहार एवं झारखंड में मानसून की दस्तक के उपरांत भी प्रचंड गर्मी पड़ रही है। लोगों का लू एवं तेज धूप से हाल बेहाल हो चुका है। यहां तक कि सिंचाई की पर्याप्त उपलब्धता में गर्मी की वजह से फसलें सूख रही हैं। ऐसी स्थिति में किसानों के मध्य अलनीनो का खतरा एक बार पुनः बढ़ चुका है। साथ ही, जानकारों ने बताया है, कि यदि मौसम इसी प्रकार से बेईमान रहा तो, इसका असर महंगाई पर भी देखने को मिल सकता है, जिससे खाद्य उत्पाद काफी महंगे हो जाऐंगे।

अलनीनो की वजह से महंगाई में बढ़ोत्तरी हो सकती है

मीडिया खबरों के अनुसार, अलनीनो के कारण भारत में खुदरा महंगाई 0.5 से 0.6 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। मुख्य बात यह है, कि अलनीनो की वजह से आटा, गेहूं, मक्का, दाल और चावल समेत खाने-पीने के समस्त उत्पाद भी महंगे हो जाऐंगे। साथ ही, अलनीनो का प्रभाव हरी सब्जियों के ऊपर भी देखने को मिल सकता है। इससे
शिमला मिर्च, खीरा, टमाटर और लौकी समेत बाकी हरी सब्जियों की कीमतों में काफी इजाफा हो जाऐगा।

मानसून काफी आहिस्ते-आहिस्ते चल रहा है

आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि केरल में 8 जून को मानसून का आगमन हुआ था। जिसके बाद मानसून काफी आहिस्ते-आहिस्ते चल रही है। यह समस्त राज्यों में विलंब से पहुँच रहा है। विशेष बात यह है, कि मानसून के आगमन के उपरांत भी अब तक बिहार समेत विभिन्न राज्यों में वर्षा समान्य से भी कम दर्ज की गई है। अब ऐसी स्थिति में सामान्य से कम बारिश होने से खरीफ फसलों की बिजाई पर प्रभाव पड़ सकता है। अगर मानसून के अंतर्गत समुचित गति नहीं आई, तो देश में महंगाई में इजाफा हो सकता है। यह भी पढ़ें: मानसून के शुरुआती जुलाई महीने में किसान भाई क्या करें

2023-24 में इतने प्रतिशत महंगाई होने की संभावना

भारत में अब तक बारिश सामान्य से 53% प्रतिशत कम दर्ज की गई है। सामान्य तौर पर जुलाई माह से हरी सब्जियां महंगी हो जाती हैं। साथ ही, ब्रोकरेज फर्म ने फाइनेंसियल ईयर 2023-24 में महंगाई 5.2 प्रतिशत रहने का अंदाजा लगाया है। उधर रिजर्व बैंक ने कहा है, कि चालू वित्त वर्ष में महंगाई 5 प्रतिशत अथवा उससे कम भी हो सकती है।

चीनी की पैदावार में इस बार गिरावट देखने को मिली है

बतादें, कि भारत में सामन्यतः चीनी की पैदावार में विगत वर्ष की अपेक्षा कमी दर्ज की गई है। साथ ही, चावल की हालत भी ठीक नहीं है। इस्मा के अनुसार, चीनी की पैदावार 3.40 करोड़ टन से घटकर 3.28 करोड़ टन पर पहुंच चुकी है। साथ ही, यदि हम चावल की बात करें तो अलनीनो के कारण इसका क्षेत्रफल इस बार सिकुड़ सकता है। वर्षा कम होने के चलते किसान धान की बुवाई कम कर पाऐंगे, क्योंकि धान की फसल को काफी ज्यादा जल की आवश्यकता होती है। ऐसी स्थिति में धान की पैदावार में गिरावट आने से चावल महंगे हो जाएंगे, जिसका प्रभाव थोक एवं खुदरा बाजार में देखने को मिल सकता है।
मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान, इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना

मौसम विभाग ने जारी किया पूर्वानुमान, इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना

मौसम विभाग द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों में 29 जून तक मूसलाधार बारिश के साथ आंधी एवं बिजली गिरने की चेतावनी जारी कर दी है। यहां जानें आज कहां बारिश होगी। जानकारी के लिए बतादें, कि मौसम ने अपना रुख बदलना चालू कर दिया है। यदि देखा जाए तो मानसून 2023 ने भारत के विभिन्न राज्यों में दस्तक दे दी है। ऐसी स्थिति में IMD ने भी मौसम से जुड़ी ताजा जानकारी जारी कर दी है। जिससे कि लोग बारिश और गर्मी से अपने आप को बचा कर रख सकें। आइए जानते हैं कि आज आपके शहर में मौसम का हाल कैसा रहने वाला है।

देश की राजधानी दिल्ली में हुई बारिश

दिल्ली में कल रात्रि से हो रही हल्की बारिश से दिल्ली का मौसम अचानक ठंडा हो गया है। अनुमान यह है, कि आज भी दिल्ली के विभिन्न इलाकों में प्रचंड वर्षा होने की संभावना है। मौसम विभाग का कहना है, कि दिल्ली में बारिश का यह दौर 29 जून तक बना रह सकता है। IMD के अनुसार, आज दिल्ली का न्यूनतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस एवं अधिकतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा सकता है। यह भी पढ़ें: मौसम विभाग: यूपी में आने वाले दिनों में होगी हल्की बारिश

भारत के इन क्षेत्रों में प्रचंड बारिश की चेतावनी

ओडिशा में अच्छी-खासी बारिश होने की संभावना है। इसके अतिरिक्त IMD के अनुसार, आगामी दिनों में मतलब कि 28 और 29 तारीख को असम, मेघालय एवं अरुणाचल प्रदेश के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में हल्की से भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।मौसम विभाग का अनुमान है, कि अगले 2 दिनों के दौरान पूर्वी भारत के कुछ इलाकों में छिटपुट वर्षा होने की संभावना है। 28 जून को पूर्वी राजस्थान में तीव्र हवाओं के साथ अत्यधिक भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की गई है। 26, 27 एवं 29 तारीख तक उत्तराखंड के भिन्न-भिन्न इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और विदर्भ में हल्की/मध्यम सी बारिश के साथ आंधी एवं बिजली गिरने की संभावना है। साथ ही, आगामी 2 दिनों के दौरान केरल, कर्नाटक और माहे में भी काफी प्रचंड वर्षा होने की संभावना है।
मूसलाधार मानसूनी बारिश से बागवानी फसलों को भारी नुकसान

मूसलाधार मानसूनी बारिश से बागवानी फसलों को भारी नुकसान

भारत के कई राज्यों में अत्यधिक मानसूनी बारिश ने किसानों की फसलों को हानि पहुंचाई है। मानसूनी बारिश के चलते हिमाचल प्रदेश के किसानों की फसलों को भी काफी प्रभावित किया है। बतादें, कि सोलन जनपद में कई हैक्टेयर में लगी सब्जियों की फसल चौपट हो गई है। सावन के दस्तक देते ही भारत के विभिन्न राज्यों में अच्छी खासी बारिश ने हाजिरी दे दी है। बतादें, कि भारत की राजधानी समेत विभिन्न राज्यों में विगत कई दिनों से मूसलाधार बरसात हो रही है। इसके चलते विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश में नदी नाले उफान पर आ चुके हैं। साथ ही, खेतों में जलभराव की स्थिति पैदा हो चुकी है। वहीं, मूसलाधार बारिश होने की वजह से धान की खेती करने वाले किसान बेहद खुश हैं, तो बागवानी एवं सब्जी उगाने वाले किसानों के लिए यह बरसात मुसीबत बन चुकी है। निरंतर हो रही इस बारिश की वजह से शिमला मिर्च, हरी मिर्च, फूलगोभी और टमाटर समेत विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियों को भारी हानि पहुंची है। इससे किसान भाइयों को आर्थिक तौर पर हानि उठानी पड़ी है।

मुरादाबाद में किसानों को भारी नुकसान

यदि हम बात उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की करें तो यहां पर बारिश के चलते हरी सब्जियों की खेती करने वाले किसान काफी दुखी नजर आ रहे हैं। खेत में पानी भर जाने की वजह से भिंड़ी, लौकी और खीरा समेत विभिन्न प्रकार की फसल बर्बाद हो गई। परंतु, सबसे ज्यादा हानि हरी मिर्च की खेती करने वाले किसानों को वहन करनी पड़ी है। किसानों का कहना है, कि इस साल हरी मिर्ची की फसल अच्छी हुई थी। ऐसे में उनको आशा थी कि हरी मिर्च बेचकर उन्हें अच्छी खासी आमदनी होगी। परंतु, बारिश ने उनके सारे सपनों चकनाचूर कर दिया। ये भी पढ़े: बेमौसम बरसात या ओलावृष्टि से फसल बर्बाद होने पर KCC धारक किसान को मिलती है ये सुविधाएं

बागवानी फसलों को काफी हानि पहुंची है

यह कहा जा रहा है, कि जिले के मिर्च उत्पादक किसानों को बरसात की वजह से काफी हानि वहन करनी पड़ी है। वर्तमान में किसान फसल बर्बादी से हताश होकर सरकार के आगे मुआवजे की मांग कर रहे हैं। मुरादाबाद के देवापर के सैनी वाली मिलक में बारिश होने की वजह से कृषकों की कई लाख रूपए की हरी मिर्च की फसल चौपट हो गई है। इसी प्रकार शामली जनपद में भी बारिश के चलते टमाटर, लौकी, तोरी और हरी मिर्च की फसल चौपट हो गई है।

अधिकारियों को हानि का आँकलन करने के निर्देश दिए गए हैं

हिमाचल प्रदेश में भी मूसलाधार बारिश से किसानों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है। सोलन जनपद में कई हेक्टेयर में लगी सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई। इससे सैकड़ों किसानों को लाखों रुपये की आर्थिक क्षति उठानी पड़ी है। ज्यादा बारिश से टमाटर और शिमला मिर्च की फसल खेतों में तैर गईं। साथ ही, पानी में निरंतर भिंगने के चलते टमाटर और शिमला मिर्च सड़ने भी लगे हैं। किसानों का कहना है, कि बारिश से जनपद में 30% फसल बर्बाद हो चुकी है। इसी कड़ी में किसानों की मांग पर नुकसान का आकलन करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। ये भी पढ़े: ओलावृष्टि और बारिश से किसानों की फसल हुई बर्बाद

किसानों को वर्ष भर में करोड़ों की हानि

बतादें, कि सोलन जनपद में 5800 हेक्टेयर में किसान टमाटर की खेती करते हैं। सोलन जनपद में टमाटर से वार्षिक 80 करोड़ रुपये का व्यवसाय होता है। उधर, इसी तरह यहां के किसान वर्ष में 26290 क्विंटल शिमला मिर्च की पैदावार करते हैं, जिसे बेचकर 41.20 करोड़ रुपये की आमदनी होती है। यदि बारिश से 30 प्रतिशत फसल बर्बाद हो जाती है, तो किसानों को करोड़ों रुपये की हानि हो सकती है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया

भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया

भारत में आज मौसम का मिजाज कुछ बदला हुआ है। मौसम विभाग के अनुसार, बहुत सारे राज्यों में आज बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है, जिसके बाद शीतलता का एहसास होगा। वहीं, केरल और तमिलनाडु में भी आने वाले दो दिनों तक भारी बारिश का अंदाजा है। नवरात्रि के दौरान दिल्ली-यूपी समेत अन्य राज्यों में भी मौसम ने तासीर बदल दी है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कई राज्यों में बारिश की आशंका जताई गई है। वहीं, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों में भी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड में बर्फबारी शुरू हो चुकी है। केदारनाथ धाम में बीते रविवार को सीजन की पहली बर्फबारी हुई। जबकि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, मुजफ्फराबाद में हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में हल्की बारिश होगी। दिल्ली-एनसीआर और उत्तर प्रदेश में भी बारिश की संभावना है। इसके अतिरिक्त राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी हल्की बारिश होगी। वहीं, कोकण, गोवा, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, महाराष्ट्र, बिहार समेत पं बंगाल और तटीय कर्नाटक में भारी बारिश की संभावना है।

आगामी 24 घंटों में मौसम कैसा रहेगा

मौसम विभाग के अनुसार, तमिलनाडु, केरल, लक्षद्वीप और तटीय कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। वहीं, पश्चिमी हिमालय पर हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। वहीं, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश के साथ छिटपुट ओलावृष्टि संभव है। वहीं, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तरी बिहार में हल्की बारिश के साथ एक या दो स्थानों पर मध्यम बारिश हो सकती है। इसके अतिरिक्त उत्तरी मध्य प्रदेश, दक्षिणी कोंकण एवं गोवा और रायलसीमा में हल्की बारिश की संभावना है।

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दिल्ली में आज मौसम कैसा रहने वाला है

मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में बारिश हो सकती है, जिसके चलते अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट देखी जा सकती है। इसके बाद ठंड का भी एहसास होगा।

यूपी में मौसम का क्या मिजाज रहेगा

मौसम विभाग के अनुसार 17-18 अक्टूबर तक उत्तर प्रदेश के लगभग 50 जिलों में गरज और चमक के साथ बूंदाबांदी से हल्की बारिश की आशंका है. वहीं रामपुर, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर, संभल और बदायूं में गरज हल्की से मध्यम बारिश होने के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।

मध्य प्रदेश में कैसा रहेगा मौसम

मौसम विभाग के अनुसार, मध्य प्रदेश के बहुत सारे जिलों में हल्की वर्षा होने की संभावना जताई है। वहीं, विगत 24 घंटों के दौरान राज्य के उज्जैन, ग्वालियर , चंबल एवं जबलपुर संभागों के जनपदों में कहीं-कहीं बारिश हुई है।

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राजस्थान में मौसम कैसा रहेगा

राजस्थान में फिर से बारिश की संभावना हैं। मौसम विभाग के अनुसार, इस सप्ताह के आखिर तक एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने की संभावना है। राजस्थान के अधिकतर क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।
जानें आने वाले दिनों में मौसम कैसा रहेगा, कहाँ पड़ेगी बर्फ और कहाँ होगी बारिश

जानें आने वाले दिनों में मौसम कैसा रहेगा, कहाँ पड़ेगी बर्फ और कहाँ होगी बारिश

मौसम विभाग के मुताबिक, आने वाले दिनों में बहुत सारे राज्यों में बारिश होने की संभावना हैं। IMD ने कहना है, कि गुजरात, दक्षिण पश्चिम मध्य प्रदेश, दक्षिण राजस्थान, मध्य महाराष्ट्र और उत्तरी कोंकण में 24 से 27 नवंबर के मध्य बरसात होने की संभावना हैं। आइए आपको बताते हैं की मौसम का मिजाज क्या कहता है।  भारत में मौसम का रवैय्या इन दिनों काफी बदला-बदला सा दिखाई दे रहा है। उत्तर भारत में ठंड का आगमन हो चुका है। विगत कुछ दिनों से ठंड में काफी तेजी से इजाफा हुआ है। दिल्ली सहित बहुत सारे राज्यों में तापमान आहिस्ता - आहिस्ता कम होने लगा है। हालांकि, दक्षिण भारत सहित पूर्वोत्तर के विभिन्न इलाकों में आज भी भारी बारिश का दौर जारी है। साथ ही, आने वाले दिनों में मौसम में एक बड़ी तब्दीली देखने को मिल सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक, एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस उत्तर पश्चिम और पश्चिम भारत को 25 नवंबर से प्रभावित करने जा रहा है, जिसके चलते मौसम में परिवर्तन देखने को मिलेगा। इस परिवर्तन के चलते दक्षिण पश्चिम, मध्य प्रदेश, दक्षिण राजस्थान, मध्य महाराष्ट्र, उत्तरी कोंकण और गुजरात में 24 से 27 नवंबर के बीच बारिश होने की आशंका है। 

वर्षा का दौर किन इलाकों में जारी रहेगा 

साथ ही, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र एवं उत्तर पश्चिम के मैदानी क्षेत्रों में भी 27 और 28 नवंबर को हल्की वर्षा दर्ज की जा सकती है। इसके अतिरिक्त, मौसम विभाग ने कहा है, कि आगामी दो से तीन दिनों तक दक्षिण भारत में मूसलाधार बारिश का दौर जारी रहेगा। इस दौरान लक्षद्वीप, दक्षिणी कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश, तटीय ओडिशा और दक्षिणी छत्तीसगढ़, तमिलनाडु और केरल में हल्की से मध्यम वर्षा के साथ कुछ जगहों पर भारी वर्षा होने की आशंका है। मौसम विभाग ने कहा है, कि इस दौरान पश्चिमी पहाड़ी इलाकों पर भी हल्की वर्षा के आसार हैं, जिससे ठंड में और बढ़ोतरी होगी। 

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दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पुनः बढ़ा   

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर कम होने की जगह निरंतर बढ़ रहा है। दिवाली के पश्चात बढ़े प्रदूषण से दिल्लीवासियों को कुछ सीमा तक सहूलियत अवश्य मिली थी। परंतु, अब एक बार पुनः प्रदूषण का स्तर खराब होता दिखाई दे रहा है। दिल्ली में बुधवार को वायु गुणवत्ता की हालत काफी खराब रही है। शहर का एक्यूआई बुधवार को 394 पर दर्ज किया गया। वहीं, एक दिन पूर्व मंगलवार को यह 365 था। प्रदूषण के साथ-साथ फिलहाल दिल्ली में कोहरे का कहर भी देखने को मिल सकता है। मौसम विभाग के अनुसार, दिल्ली में इस संपूर्ण सप्ताह कोहरा देखने को मिलेगा। इसके साथ-साथ, पहाड़ों पर होने वाली वर्षा के चलते मैदानी क्षेत्रों में तेज हवाएं चल सकती हैं।
आने वाले दिनों में मौसम के चलते किसानों को नुकसान या होगा शानदार लाभ

आने वाले दिनों में मौसम के चलते किसानों को नुकसान या होगा शानदार लाभ

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि सर्दियों ने फिलहाल दस्तक दे दी है। वर्तमान में तापमान फसलों के अनुकूल होने पर फायदा होगा। वहीं, तापमान अनुकूल ना होने की वजह से फसल में झुलसा जैसी समस्या का खतरा हो सकता है। भारत में फिलहाल मौसम में बदलाव हो रहा है। गर्मियों के पश्चात अब तीव्रता से सर्दी के मौसम ने दस्तक दे ड़ाली है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, इस साल भारत में मानसून काफी सामान्य रहा। मानसून का सामान्य रहना कृषकों के लिए काफी शानदार समाचार था। दरअसल, इसकी वजह से फसलों को शानदार बारिश मिली जिसके परिणामस्वरूप फसलों का उत्पादन भी अच्छा हुआ।  राजधानी दिल्ली की बात की जाए तो आज सुबह तापमान में कमी देखी गई, जिससे ठंड भी बढ़ी है। IMD के अनुसार, तो दिल्ली में दिसंबर के प्रथम सप्ताह का तापमान सामान्य रहेगा। वहीं, तापमान में ज्यादा गिरावट की संभावना काफी कम है। मौसम विभाग के अनुसार, 4 दिसंबर तक राजधानी दिल्ली का अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा। 

आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने से फसलों को होगा फायदा  

खबरों की मानें तो आगामी दिनों में ठंड काफी बढ़ेगी। फसलों में ठंड से तब तक लाभ होता है, जब तक तापमान फसल की सहनशीलता के अनुकूल हो। सर्दी के दिनों में फसलों में रोगों एवं कीटों का संक्रमण कम होता है। फसलों में पौष्टिक तत्वों का संचय भी काफी बढ़ता है। साथ ही, फसलों का उत्पादन भी बढ़ जाता है। साथ ही, जब फसलों के मुताबिक तापमान नहीं होता है, तो ऐसी स्थिति में हानि होती है। अत्यधिक ठंड की वजह से फसलों का रंग तथा आकार परिवर्तित हो सकता है। फसलों में सूखा, झुलसा जैसी परेशानियां सकती हैं। 

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इसके अतिरिक्त फसलों की पैदावार कम हो जाती है। किसानों के लिए मौसम की ज्यादा जानकारी के लिए IMD की आधिकारिक वेबसाइट अथवा फिर मोबाइल ऐप का उपयोग कर सकते हैं। इससे वह वक्त रहते ही मौसम की जानकारी हांसिल हो पाऐगी। साथ ही, किसान भाई अपनी फसलों की सुरक्षा कर सकते हैं। 

किसान भाई फसल से बेहतर उत्पादन पाने के लिए इन उपायों को अपनाऐं 

किसान भाई अपनी फसलों से बेहतरीन उत्पादन पाने के लिए फसलों की बुवाई सही समय पर करें। इसके साथ-साथ फसलों की नियमित तौर पर सिंचाई करें।  फसलों को कीटों एवं रोगों से संरक्षित करने के लिए समय-समय पर दवाओं का छिड़काव अवश्य करें। ठंड के दौरान फसलों को ढ़कने के लिए प्लास्टिक की चादर या शेड का उपयोग अवश्य करें।
उत्तर प्रदेश के मौसम में बदलाव और बारिश की संभावना

उत्तर प्रदेश के मौसम में बदलाव और बारिश की संभावना

जैसा कि हम सब जानते हैं, कि कड़कड़ाती सर्दी का मौसम चल रहा है। किसानों को खेती–किसानी में बहुत सारी समस्याएं आती हैं। ऐसी स्थिति में यदि बारिश हो जाए तो ये समस्या और बढ़ जाती है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जनपदों में आगामी एक–दो दिन में बारिश की संभावना है। अब ऐसे में कृषकों के लिए कुछ खास बातें हैं, जिनका विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, आगरा, हाथरस, अलीगढ़ और समीपवर्ती हिस्सों में बारिश होने की संभावना है।


पौधों में रोग ना लगे इसके लिए क्या करें ?

विगत बहुत सारे महीनों से तैयार फसल में कृषकों की काफी लागत और अथक परिश्रम लगी है। अब ऐसी स्थिति में किसान अपनी फसल को लेकर काफी फिक्रमंद हैं। फसल को बचाने के लिए सबसे आवश्यक है, कि प्रतिदिन खेती की निगरानी की जाए। यदि पौधे के पत्ते में कोई रोग नजर आए, तो तुरंत उखाड़कर जमीन के अंदर दबा दें। यदि अधिक रोग नजर आए तो तुरंत विशेषज्ञों का मशवरा लें और सावधानी के लिए एक फफूंद नाशक का छिड़काव कार्बेंडाजिम मैनाकोजेब अथवा फिर मेटलैक्सिल और मैंकोजेब का छिड़काव भी कर सकते हैं। 

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आलू की फसल में झुलसा के लिए अनुकूल मौसम है, तो इना फंगीसाइड का 2 ग्राम प्रति लीटर में छिड़काव अवश्य कर दें। अगर सरसों की फसल में सफेद पत्ती धब्बा रोग होता है, तो 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में कॉपर ऑक्सीक्लोराइड अथवा कार्बेंडाजिम मैनाकोजेब का छिड़काव करें।


ये काम भूलकर भी ना करें 

अगर आपके इलाके में बारिश होने की संभावना है, तो सिंचाई ना करें। खेत में ज्यादा नमी होने पर सब्जियों वाली फसलों को प्रमुख रूप से नुकसान हो सकता है। वहीं, बहुत सारी बीमारियां लग सकती हैं। बतादें, कि रोगाणु, कीटनाशक अथवा खरपतवार नााशक का छिड़काव सबसे बेहतर है, जब धूप खुली होती है। अगर कोहरा और बादल छाए हुए हैं और बारिश की संभावना है तो कीटनाशक छिड़काव से भी बचें। 


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यदि फसल में फूल गए हैं, तो किसी तरह के रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग से बचें। किसी भी फसल में फूल रहे हैं। वहां रासायनिक छिड़कावों का उपयोग ना करें। फूल की ग्रोथ (बढ़वार) काफी रुक जाऐगी। फूल झड़ जाऐंगे, जिससे दाने और फल नहीं बन पाऐंगे। ऐसी स्थिति में प्राकृतिक तरीकों, धुआं, नमी, नीम का तेल और कंडों की राख का उपयोग करें। इसके अतिरिक्त खेत में मधुमक्खियां पाल रखी हैं और वो उधर आती हैं तो दिन के वक्त रासायनिक छिड़काव नहीं करें वर्ना वो मर जाऐंगे। शाम को मधुमक्खियां छत्तों में लौट आती हैं उस समय इस्तेमाल करें।